ना जाने कैसा यह भगदड़ है Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 05, 2020 ना जाने कैसा यह भगदड़ है,किसी को गिरा कर बढ़ने का न जाने कैसा यह शौक है |अगर किसी को उभार कर उभरे तुम ,तब तो यह तुम्हारी कला की सच्ची कलाकारी हैं lपर ना जाने कैसा यह भगदड़ है |-स्पृहा टण्डन Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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